5 Simple Statements About पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग Explained
5 Simple Statements About पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग Explained
Blog Article
यावेळी 'ओम नमः शिवाय, ओम् त्रयंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बंधनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् इत्यादी मंत्रांचा उच्चार करा. शिवलिंगाची प्रतिष्ठापना करण्यासाठी लक्षात घ्या की, पूजा करताना तुमचे तोंड पूर्व-उत्तर दिशेला असावे. दररोज सकाळी नियमित पूजा करावी, असे केल्याने सकारात्मक लाभ होतो. तर श्रावण किंवा शिवरात्रीच्या सोमवारी विशेष पूजा करा.
धातुओं में सर्वोत्तम पारा अपनी चमत्कारिक और हीलिंग प्रॉपर्टीज के लिए वैज्ञानिक तौर पर भी मशहूर है।
इसके पश्चात इससे संबंधित मंत्र का शुद्ध रूप में उच्चारण करें।
शिवलिंग की यह व्याख्या शैव सम्प्रदाय की प्रमुख परम्परा - शैव सिद्धांत के अनुसार है। शिवलिंग का ऊपरला हिस्सा परशिव और निचला हिस्सा यानी पीठम् पराशक्ति को दर्शाता है। पराशक्ति एवं परशिव भगवान शिव की दो परिपूर्णताएँ हैं।
जो पुण्यफल हजारो शिवलिंग की पूजा करने से मिलाता है वह पूण्यफल नर्मदेश्वर शिवलिंग और पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से प्राप्त हो जाता है
असे झाले कि एका प्लेट मध्ये सफेद कापड ठेऊन त्यावर शिवलिंगाची स्थापना करावी.
शकितशाली शाबर मंत्र : शाबर मंत्र को सिद्ध करने का आसान तरीका
नंतर गायीचे कच्या दुधाने अभिषेक करून पुन्हा गंगाजल ने अभिषेक करावा.
येलदरी धरणामुळे परभणी, जिंतूर, वसमत या शहरांसह हिंगोली जिल्ह्याचा पाणीप्रश्नही…
क्या शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद खाना चाहिए? – शिवलिंग पर अर्पित किया गया हर प्रसाद चण्डेश्वर का एक भाग है और इस तरह से इस प्रसाद को ग्रहण का अर्थ है भूत प्रेतों के अंश को ग्रहण कर लेना। ध्यान रहे कि केवल पत्थर, मिट्टी और चीनी मिट्टी से बने शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद नहीं खाना चाहिए।
दूसरे परियोजनाओं में विकिमीडिया कॉमन्स
फिर इसे घर के पवित्र स्थल पर पूर्व या उत्तर-पूर्व की ओर स्थापित करें।
पारदेश्वर मंदीर परभणी शहरात स्थित असून परभणी रेल्वे स्टेशन दक्षिण मध्य रेल्वे क्षेत्राचे सिकंदराबाद-मनमाड विभागात स्थित आहे. औरंगाबाद, मुंबई, नागपूर, पुणे आणि अजमेर सारख्या महाराष्ट्रातील प्रमुख शहरांपर्यंत परभणी रेल्वेमार्गाने जोडली आहे.
विभिन्न click here हिंदू परंपराओं में शिवलिंग की परिभाषा